मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना में विवाहित नव-दम्पत्तियों को दिलाई जल संरक्षण की शपथ

भोपाल
प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान 30 मार्च 2025 से संचालित किया जा रहा है, जो 30 जून 2025 तक जारी रहेगा। अभियान में प्रदेश की नदियों, तालाबों, झीलों ,पुराने कुओं ,बावड़ियों और जल धाराओं को सहेज कर उन्हें पुनर्जीवन दिया जा रहा है। जल स्रोतों की गाद निकासी, सफाई, सीमांकन और पुनर्जीवन की कार्य योजना बनाई गई है। अभियान में नागरिकों को अनावश्यक रूप से जल प्रवाहित नहीं करने, दैनिक जीवन में पानी का उचित उपयोग करने और मकानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम एवं जल स्रोतों के आसपास सोक पिट बनाकर वर्षा जल संचयन के विषय में जागरूक बनाया जा रहा है।

चंदेरी में नव-विवाहितों ने ली जल संरक्षण की शपथ
अशोक नगर के चन्देरी में मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना में 54 वर-वधुओं ने दाम्पत्य जीवन में प्रवेश किया। इनमें 46 कन्याओं के विवाह तथा 08 कन्याओं के निकाह संपन्न कराये गये हैं। नव विवाहित जोडों और उनके परिजन को वैवाहिक संस्कारों के बाद जलगंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत जल संरक्षण की शपथ दिलाई गई।

मानव श्रृंखला बनाकर जल संरक्षण की शपथ, श्रमदान से बावड़ी की सफाई
छिंदवाड़ा जिले में मप्र जन अभियान परिषद ने ग्रामवासियों के साथ मिलकर जुन्नारदेव के आदर्श ग्राम भुतहा छाबड़ी में तीन दिशाओं से आने वाली तीनधारी नदी के तटों पर श्रमदान कर झाड़ियां और घास काटकर साफ-सफाई की। ग्रामीणों को एकत्रित कर जल गंगा संवर्धन और जल संरक्षण के विषय में जानकारी देकर उन्हें जल संरक्षण के कार्यों में सक्रियता से भाग लेने के लिए प्रेरित किया गया। मानव श्रृंखला बनाकर उन्हें जल स्रोतों के आस पास साफ-सफाई बनाए रखने और जल का दुरुपयोग रोकने की शपथ दिलाई गई।

जिले में मोहखेड़ विकासखंड के देवगढ़ गांव की ऐतिहासिक बावड़ियों की सफाई भी श्रमदान से की गई। यहां की बावड़ियों का जल बड़ा ही स्वादिष्ट बताया जाता है। क्षेत्रवासियों के लिए ये जीवनदायी और आस्था से जुड़ी हुई सांस्कृतिक धरोहर हैं।

शहडोल में श्रमदान से पुराने तालाब की सफाई
शहडोल के लल्लू तालाब में श्रमदान के माध्यम से तालाब की साफ सफाई करने का कार्य किया गया। श्रमदान कार्य में नगरपालिका के अधिकारी, कर्मचारी व सफाई टीम व स्थानीय लोगों ने अपनी भूमिका निभाई। अभियान के अंतर्गत जिले में नये तालाब बनाये जा रहे हैं, साथ ही पुराने तालाबों, बावड़ियों और कुँओं का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। नदियों के तटों को स्वच्छ बनाए रखने और उनमें स्वच्छ जल प्रवाह बनाए रखने के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं। अभियान के में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व वाले तालाबों, जल स्रोतों तथा देवालयों में जल संरक्षण के कार्य भी किये जा रहे हैं।

देवास में श्रमदान से जल स्रोतों की सफाई
जल गंगा संवर्धन अभियान में शनिवार को जिले के उतावली चेक डेम पर श्रमदान से सफाई की गई। हाथों में ग्लव्स, चेहरे पर मास्क सहित सुरक्षा उपायों को अपनाते हुए अधिकारी-कर्मचारियों ने एक साथ मिलकर चेक डेम पर सफाई की। अधिकारी-कर्मचारियों ने मानव-श्रृंखला बनाकर कचरे को ट्रेक्टर-ट्रॉली में लाद कर उसका निष्पादन कराया। जिले के पोनास में 25 लाख रूपये की लागत से अमृत सरोवर बनाया जायेगा। अमृत सरोवर का क्षेत्रफल 10 हजार स्क्वायर मीटर तथा पानी भराव की क्षमता लगभग 25 हजार क्यूबिक मीटर होगी। तालाब निर्माण से कालीसिंध नदी के बेस फ्लो मे भी बढ़ोतरी होंगी। देवास जिले के प्रभारी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने अमृत सरोवर परियोजना के लिए भूमि-पूजन करते हुए कहा कि मां नर्मदा का पानी हर किसान के खेत में पहुंचेगा। इससे किसान साल में तीन फसल ले सकेंगे। वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए आयोजन को भारतीय सेना के लिए समर्पित करने का संकल्प लिया गया। प्रभारी मंत्री श्री देवड़ा ने पूर्व भारतीय सैनिकों का सम्मान किया। इस दौरान तिरंगा झंडा बनाकर, भारतीय सेना पर गर्व है लिखकर मानव श्रृंखला बनाई गई।

खेत-तालाब निर्माण में सीहोर के किसानों ने पेश की मिसाल
जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत सीहोर जिले में अब तक 1670 में से 687 से अधिक खेत-तालाबों का निर्माण प्रारंभ हो गया है। साथ ही 2600 कूप रिचार्ज पिट में से 2250 कार्यों को स्वीकृति दे दी गई है। इनमें से 1440 पर कार्य भी प्रारंभ हो गया है। इस योजना में मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद द्वारा तैयार कराया गया सिपरी साफ्टवेयर मददगार सिद्ध हुआ है। इसके माध्यम से जियोमार्फोलॉजी और हाइड्रोलॉजी जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके संरचनाओं के निर्माण के लिए सही स्थान का चयन किया जा रहा है, जो करागर सिद्ध हो रहा है।

 

India Edge News Desk

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